क्रिसमस डे, जिसे ‘ईसा मसीह का जन्मोत्सव’ भी कहा जाता है, विश्वभर में एक अद्वितीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।christmas day kyo manaya jata h इसका जवाब है इसदिन ख्रीस्तीयों के भगवान इसा मसीह जिन्हे लकड़ी के बड़े क्रॉस पर हाथ और पैरो में खिले थोक कर मार दिया गया था उनका २५ दिसंबर को जन्म दिन होता है यह त्योहार सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मायने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। चलिए, इस विशेष त्योहार की अनूठी पहचान और महत्व को समझते हैं।
1. आध्यात्मिक तात्विका:
क्रिसमस का मूल उद्देश्य वरदान दिवस के रूप में है, जब ‘ईसा मसीह’ की जन्म की खुशी को याद किया जाता है। ईसाई धर्म के अनुसार, 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस उपलक्ष्य में, पूजा-पाठ, क्लीवलैंड सेलिब्रेशन और सामुदायिक आयोजन किए जाते हैं।
2. इतिहास और प्राचीन कथाएं:
क्रिसमस के पूर्ववर्ती समय में, इस त्योहार के पीछे कई प्राचीन कथाएं और ऐतिहासिक घटनाएं हैं। एक ऐतिहासिक कथा के अनुसार, क्रिसमस के दिन ईश्वरीय प्रकाश ने पृथ्वी पर अवतरण लिया था, जिससे वे मानवता को उनके मार्ग पर चलाने की भावना से अवगत कराए।
3. समाजिक और परिवारिक पहलू:
क्रिसमस एक पारिवारिक त्योहार है, जो मानव समुदाय की एकता और प्रेम को प्रकट करता है। इस मौके पर, परिवार और मित्र एक साथ समय बिताते हैं, गिफ्ट्स विनम्रता से प्रदान किए जाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
4. वैश्विक संदेश और एकता:
क्रिसमस वैश्विक स्तर पर एक संदेश प्रदान करता है, जो सभी धर्म, संस्कृति और जातियों के लोगों को एक साथ लाता है। यह त्योहार विश्वभर में सद्भावना, समझदारी और एकता को प्रोत्साहित करता है।
5. आर्थिक पहलू और व्यापारिक गतिविधियाँ:
क्रिसमस के मौके पर, व्यापारिक गतिविधियों में उत्साह आता है। बाजारों में उत्सवी माहौल बनता है, जिससे खरीददारी में वृद्धि होती है। विविध उत्पादों, गिफ्ट्स और सांस्कृतिक सामग्री की बिक्री में वृद्धि दर्शाई जाती है।
समाप्त में, क्रिसमस डे विश्व के लिए एक ऐसा पर्व है जो अनेक तात्विक और सामाजिक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से संगठित है। इसे मनाने से हम सम्पूर्ण मानव समुदाय की एकता, सद्भावना और समृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं।